नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के सचिव पद से अशोक अरोड़ा के निलंबन को रोकने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि कोई प्रथम दृष्टया मामला बनते नहीं दिख रहा है।

कोर्ट में अरोड़ा द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई की जा रही थी, जिसमें कार्यकारी समिति द्वारा पारित प्रस्ताव पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी।

इस साल मई में, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति (ईसी) ने एक ऑनलाइन सम्मेलन के माध्यम से आयोजित बैठक में अपने सचिव अरोड़ा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।

एससीबीए के अध्यक्ष के पद से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे के हटाए जाने पर विचार-विमर्श करने के लिए अरोड़ा ने 11 मई को वकीलों के निकाय की एक आकस्मिक आम बैठक (ईजीएम) बुलाई थी, जिसके एक दिन बाद चुनाव आयोग ने उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया था।

एससीबीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईजीएम को ईसी द्वारा रद्द कर दिया गया और अरोड़ा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया। अरोड़ा को निलंबित करने के चुनाव आयोग के फैसले को बहुमत से मान लिया गया, और इसमें दवे को वोट करने से रोका गया।